विकलांग प्रमाणपत्र बनाने के नाम पर अवैध वसूली को लेकर
विकलांग भड़क गए। वे और उनके परिजन हंगामा करने लगे। इस दौरान एक कर्मचारी
से मारपीट भी की गई, जिससे कार्यालय में घंटों अफरा-तफरी मची रही। बाद में
पुलिस के पहुंचने पर मामला शांत हुआ।
गुरुवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय परिसर स्थित विकलांग
प्रमाणपत्र कार्यालय में काफी भीड़ थी। दूर-दूर से विकलांग प्रमाणपत्र
बनवाने आए थे। सबने फार्म भरकर जमा किया और बाहर आकर चिकित्सक का इंतजार
करने लगे। दोपहर करीब सवा बारह बजे एकाएक हल्ला मचा। लोग दौड़े तो देखा कि
एक कर्मचारी को विकलांगों ने घेर रखा था। उस पर सुविधा शुल्क मांगने का
आरोप लगाते हुए मारपीट कर रहे थे।
किसी तरह कर्मचारी ने कार्यालय में घुसकर अपना बचाव किया। इस दौरान
शेबू, कायनात, राम करन, फूलकली व शिव शंकर आदि का आरोप था कि यहां के कुछ
कर्मी नियमों को तार-तार कर रहे हैं। अधिक विकलांगता वालों से भी पैसे मांग
रहे हैं। न देने वालों के या तो फार्म गायब कर रहे या उसे बार-बार दौड़ा
रहे हैं। कहा यहां मनमानी का राज चल रहा है। विकलांगों ने हल्ला मचाते हुए
जमकर हंगामा किया, जिससे वहां भारी भीड़ जमा हो गई।
कुछ देर बाद चीता मोबाइल पुलिस भी वहां पहुंच गई। उसने तमाशबीनों को
वहां से हटाया। इस बारे में विभाग के अफसर बस इतना ही कहते हैं कि जहां भीड़
है वहां इतना हल्ला तो होगा ही। फिलहाल अवैध वसूली की लिखित शिकायत नहीं
मिली है।
Source : Jagran , PratapGadh ( 14th Feb 2013 )
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