इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में टीईटी पास अभ्यर्थियों को
सहायक अध्यापक नियुक्त करने में विकलांगों का कट-ऑफ-मेरिट सामान्य श्रेणी
के अभ्यर्थियों के समान रखने की वैधता पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 5 दिसम्बर नियत की है। कोर्ट ने पांच
याचियों के लिए पांच पद आरक्षित रखने का भी आदेश दिया है।
यह आदेश
न्यायमूर्ति राजन राय ने बलिया, मऊ के निवासी राम विलास व अन्य की याचिका
पर दिया है। याची अधिवक्ता आलोक यादव का कहना है कि अमरोहा, बस्ती, कन्नौज
जिलों का कट-ऑफ-मेरिट विकलांगों व साधारण अभ्यर्थियों का 120 अंक नियत किया
है, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग का कट-ऑफ मेरिट कम है। इस व्यवस्था से विकलांग
कोटे का उद्देश्य ही विफल हो रहा है। दूसरी तरफ एलटी डिग्रीधारक विवेक
चंद्रा को भी सहायक अध्यापक भर्ती काउंसिलिंग में शामिल होने की कोर्ट ने
अनुमति दी है और कहा है कि यह याचिका के निर्णय की विषय वस्तु होगी। याची
का कहना है कि एलटी डिग्री, बीएड के समकक्ष मानी गई है। बीएड वालों को
काउंसिलिंग में बैठने की अनुमति दी गई है किंतु समान डिग्री धारकों को
बैठने नहीं दिया जा रहा है। डिग्री की समानता मुद्दे को कोर्ट ने विचारणीय
माना और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने केवल याची को प्राविधिक
रूप से काउंसिलिंग में शामिल होने की छूट दी है !
Source : Jagran Via JoinUPTET , 31st Oct 2014
Source : Jagran Via JoinUPTET , 31st Oct 2014
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