आज भी दीन-दुखी एवं बेसहारा की लाठी बनने वाले मानवीय संवेदनाओं से
ओत-प्रोत नागरिक हैं। मानव सेवा को कर्तव्य ध्येय मानकर ऐसे लोग
स्वत:स्फूर्त होकर मदद को हाथ आगे बढ़ाते हैं। जागरण के 14 जून के अंक में
प्रमुखता से प्रकाशित समाचार 'वो आदमी नहीं मुकम्मल बयान है' से प्रभावित
होकर विकलांग सेवा समिति मधुबन ने होलीपुर के दोनों आंख से अंधे कार्तिक
राजभर की मदद को हाथ आगे बढ़ाया है।
घोसी नगर से सटी ग्राम पंचायत मदापुर समसपुर के होलीपुर का बावन वर्षीय
कार्तिक राजभर वह पांच वर्ष से अधिक समय से दोनों आंखों से अंधा है। उसके
पास कोई प्रमाण पत्र नहीं है। कच्ची मिट्टी की टूटी दीवार से निर्धनता
झांकती है पर उसका नाम बीपीएल सूची में दर्ज नहीं है। प्रयास के बावजूद
उसको विकलांगता प्रमाण पत्र नहीं मिल सका। ऐसे में शासकीय व्यवस्था एवं
योजना पर सवाल बने कार्तिक राजभर की समस्या को दैनिक जागरण ने 14 जून के
अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। कार्तिक के हालात से द्रवित विकलांग
सेवा समिति मधुबन के प्रबंधक रमेश चंद्रा ने रविवार को जागरण कार्यालय से
संपर्क किया। कार्तिक के घर पहुंचे प्रबंधक ने कार्तिक की आंख का जिला
मुख्यालय पर नए सिरे से चिकित्सकीय परीक्षण एवं आपरेशन का आश्वासन दिया।
श्री चंद्रा ने संस्था की तरफ से आपरेशन का व्यय वहन किए जाने के साथ ही
अन्य सहयोग का भी आश्वासन दिया।
Source : Jagran ,Ghosi(Mau) ; 16th June 2013
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