Translate The Content in Your Local Language

Monday, 13 May 2013

कैदियों ने दिलाया विकलांग को इंसाफ : Bihar




 पुलिस की करतूत से 11 महीने जेल काट चुके एक विकलांग युवक को जेल में बंद कैदियों ने ही इंसाफ दिलाया। जेल से रिहा होने के बाद जब वह एसपी से मिला तो उसे देख वे सकते में आ गए। तत्काल जमुई थाने में पदस्थापित एसआई को उन्होंने निलंबित कर दिया। 

बहुत ही मार्मिक है विकलांग युवक मिथुन कुमार की दास्तान। जमुई थाना के नवीनगर गांव के अशोक तांती का वह पुत्र है। आठ-नौ वर्ष पहले उसकी मां की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिता दूसरी शादी कर बंगाल चले गए। सौतेली मां बाप से मिलने नहीं देती है और न ही घर का अनाज छूने देती है। 14 वर्षीय छोटा भाई राजू उर्फ कारू के साथ अपनी नानीघर में भीख मांगकर जीवन यापन करता है। गांव के ही एक जनप्रतिनिधि ने विकलांग सर्टिफिकेट नहीं बनाया तो आवेश में उसने कुछ कह दिया। इसकी सजा उसे भुगतनी पड़ी। सिलेंडर चुराने के मामले में जमुई थाना कांड संख्या 154/12 में उसे जेल भेज दिया गया।   


परिवार में एक छोटा भाई उसकी जमानत कैसे कराता। 11 महीने तक जेल में रहने के दौरान कैदियों को उस पर दया आ गई। उसकी जमानत के लिए जेल में चंदा किया गया और एक अधिवक्ता के माध्यम से उसकी जमानत कराई गई। जेल से छूटने के बाद जब वह विकलांग युवक एसपी से मिलने पहुंचा तो उसकी हालत देख अपने ही कनीय पदाधिकारी पर एसपी बिफर पड़े। पुलिस की दागदार छवि में सुधार के लिए एसपी दीपक वर्णवाल ने एसआई शिवानंद यादव को ऑफिस में बुलाकर यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि यह विकलांग युवक सिलेंडर चुराकर कैसे भागेगा। विकलांग युवक को जिलाधिकारी ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है और विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने का निर्देश विभाग को दिया है।


Source : jagran  , Jamui , Bihar , 11th May 2013

No comments:

Post a Comment