सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही के कारण ट्रेनों में महिला तथा विकलांग यात्रियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। प्रतिबंधित बोगियों में अनाधिकृत व्यक्तियों का सफर करना इसकी प्रमुख वजह है। शिकायतों के बावजूद जीआरपी-आरपीएफ कार्रवाई नहीं करती है।
रेल प्रशासन ने महिलाओं, विकलांगों की सुगम यात्रा के लिए ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाता है। बोगियों पर बड़े-बड़े शब्दों में महिला, विकलांग कोच लिखा रहता है, ताकि उसमें सामान्य लोग प्रवेश न करें। कायदों का अनुपालन कराना टीटीई, सुरक्षाकर्मियों के जिम्मे हैं। इसके बावजूद अधिकांश ट्रेनों में महिला तथा विकलांग अनाधिकृत लोगों से भरा रहता है। इससे पात्र यात्रियों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता। जरूरतमंदों को सीट दिलाने के बजाय रेल प्रशासन समस्याओं से मुंह मोड़े रहता है। ट्रेनों में सीट को लेकर आए दिन महिलाएं, विकलांग हंगामा करते रहते हैं। इसके बावजूद रेल प्रशासन से जुड़े अधिकारियों की तंद्रा नहीं टूट रही। यात्री जान जोखिम में डालकर ट्रेनों में यात्रा करने को विवश हैं। प्रतिबंधित बोगियों में कोई घटना होने पर दो-चार दिनों तक अभियान चलाने के बाद सुरक्षा अधिकारी सुस्त पड़ जाते हैं।
Source : Jagran , 6th May 2013
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